
नई दिल्ली। दुश्मनों को उनकी नापाक हरकतों का सबक सिखाते हुए अब भारतीय सेना कामयाबी के नए मुकाम पर पहुंच गई है। शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत में इजाफा किया है। जिससे चीन-पाकिस्तान अब अपने कदम पीछे करने को मजबूर हो जाएगें। शुक्रवार को आईएनएस(INS) कोरा से एंटी शिप मिसाइल (AShM) को दागा गया। इस मिसाइल का बंगाल की खाड़ी में प्रशिक्षण किया गया है। इस सफल परीक्षण से सेना को बड़ी कामयाबी मिली है।
ऐसे में सूत्रों से सामने आई जानकारी के अनुसार, इस मिसाइल ने बिल्कुल सटीक निशाना लगाया और जिस शिप पर टेस्ट के लिए इसे दागा गया उसे धुआं-धुआं कर दिया। भारतीय नौसेना ने अपने बयान में कहा है कि INS कोरा से दागी गई मिसाइल की सबसे अधिक रेंज का इस्तेमाल किया गया है और इसका निशाना बिल्कुल सटीक लगा है।
कोरा-क्लास जंगी जहाज
बता दें कि आईएनएस कोरा एक कोरा-क्लास जंगी जहाज है। इसका इस्तेमाल इस तरह की मिसाइल दागने के लिए किया जाता है। इसे 1998 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
सफलता के इस पंचनामे में इस शिप का डिजाइन भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 25ए के तहत किया गया था। इस जंगी जहाज में KH-35 एंटी शिप मिसाइल भी तैनात की गई हैं। भारतीय नौसेना के पास इस तरह के तीन जंगी जहाज हैं, जिसमें आईएनएस किर्च, आईएनएस कुलिश और आईएनएस करमुक सम्मिलित हैं।
ऐसे में अगले हफ्ते भारत और चीन की कोर कमांडर स्तर की अगले दौरा की बातचीत होने वाली है। लेकिन उससे पहले ही चीन ने फिर से अपने नापाक मंसूबों का दोहराया है। पूर्वी लद्दाख में तैनात अपने सैनिकों को चीन विशेष सामान उपलब्ध करा रहा है।
इस बारे में चीन ने बताया है कि वो अपनी सेना को नई तकनीक के कपड़े, रहने की जगह और कई दूसरी सुविधाएं दी हैं। ताकि उसकी सेना को लद्दाख में सर्दियों में रहने में कोई परेशानी ना हो।
सीमा पर तैनात हजारों चीनी सैन्य कर्मियों
ऐसे में चीन के रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपने सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में भयानक सर्दी से निपटने के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं। चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात हजारों चीनी सैन्य कर्मियों को उन्होंने उच्च तकनीक वाले उपकरण उपलब्ध कराए हैं।
साथ ही चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू क्वान ने कहा कि सैनिकों को एक नया आत्म-सक्रिय इंसुलेटेड केबिन प्रदान किया गया है, जिसे सैनिक खुद बना सकते हैं। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जहां आउटडोर तापमान -40 डिग्री सेंटीग्रेड है, जिसकी ऊंचाई 5,000 मीटर से अधिक है, वहां इन उपकरणों के जरिए इनडोर तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक रखा जा सकता है।